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Cancer
मुंबई की 56 वर्षीय रश्मि सचदे को 15 साल पहले गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल स्ट्रोमल ट्यूमर (जीआईएसटी) का निदान मिला था। वे कैंसर को एक पेइंग गेस्ट की तरह मानती हैं और अपनी कैंसर यात्रा को अपनी आस्था और हँसते रहने की प्रवृत्ति के सहारे संभालती हैं। 2004 की बात…
56 साल के सुधीर सालियान को अब 5 साल से मल्टीपल मायलोमा है, और अक्टूबर 2021 में उन्हें इस का रिलैप्स हो गया था और अब वे स्टेम सेल ट्रांसप्लांट की तैयारी कर रहे हैं। इस लेख में पढ़ें कि वे भविष्य के लिए उत्साहित रहने के लिए सकारात्मक सोच, व्यायाम और…
जब बेंगलुरु की 38 वर्षीया ए चित्रा को सीज़र होने लगे, तो शुरू में उनका एपिलेप्सी (मिर्गी) के लिए इलाज किया गया, लेकिन अंततः उन्हें मैलिग्नेंट ग्लियोमा (एक प्रकार का ब्रेन ट्यूमर) का निदान मिला। वे बताती हैं कि कैसे उन्होंने डॉक्टरों, परिवार, दोस्तों…
30 वर्षीय मेल्विन जॉर्ज इस लेख में एस्ट्रोसाइटोमा (एक प्रकार का ब्रेन ट्यूमर) का निदान प्राप्त करने, देखभाल के विकल्पों का आकलन करने और निर्णय लेने, और कैंसर के उपचार और सम्बंधित दुष्प्रभाव पर चर्चा करते हैं और साझा करते हैं  कि इन सब अनुभव और…
धूम्रपान न करने वाली 72 वर्षीया नलिनी सत्यनारायण को 10 साल पहले उनके घर में सेकेंड हैंड धुएं के संपर्क में आने के कारण गले (वॉयस बॉक्स) के कैंसर का निदान मिला। आज, उत्तरजीवी के रूप में, वे एक ऊर्जावान तंबाकू नियंत्रण योद्धा बन गई हैं और ऐसे लोगों को…
दिलीप कुमार मेवाड़ा मल्टीपल मायलोमा नामक एक दुर्लभ कैंसर के कारण पूर्णतय पैरालिसिस से पीड़ित थे, पर उन्होंने डॉक्टरों और समर्थक परिवार वालों की अद्भुत टीम और अपनी दृढ़ संकल्प शक्ति के साथ अपनी बीमारी पर विजय प्राप्त की। हम आपके लिए उनके शब्दों में…
कैंसर रोगी और उनकी देखभाल करने वालों की भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक पीड़ा को कम करने में साइको-ऑन्कोलॉजी ने बहुत मदद की है। इस लेख में टाटा मेमोरियल अस्पताल में साइकोऑन्कोलॉजिस्ट सविता गोस्वामी ने कैंसरग्रस्त बच्चों की देखभाल में इस्तेमाल होने वाली कई…
लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल विश्वविद्यालय के एंडोक्राइन सर्जरी विभाग के प्रमुखएवं प्रोफेसर डॉ. आनंद मिश्राने लखनऊ में स्तन कैंसर के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए स्तन कैंसर के सरवाइवर के लिए एक रैंप वॉक का आयोजन किया था जिसमें पुरूष भी शामिल थे। इस…
एनिमेटर और ग्राफिक डिजाइनर श्वेता चावड़े को किशोरावस्था में ओस्टियोसारकोमा कैंसर स्टेज 2 का निदान मिला। यह एक ख़तरनाक आक्रामक किस्म का हड्डी का कैंसर है। श्वेता अपने जीवन के उस दौर को याद करते हुए दस साल से कैंसर मुक्त होने का कृतज्ञता और आशावादी…