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कब्ज़ सबसे आम और असुविधाजनक परेशानियों में से एक है। पोषण विशेषज्ञ कोहिला गोविंदाराजू का कहना है कि स्वस्थ भोजन की आदत और उच्च फाइबर वाले आहार से कब्ज की तकलीफ कम हो सकती है। इस लेख में वे कब्ज़ पर चर्चा करती हैं और उच्च फाइबर युक्त पौष्टिक भोजन के लिए जानकारी और एक रेसिपी बांटती हैं ।
कब्ज सबसे आम पाचन-संबंधी शिकायत है। इस के कारण पेट फूला हुआ लगता है, चिड़चिड़ाहट महसूस होती है और जीवन काफी दुखी लगने लगता है। आम तौर पर, कब्ज तब माना जाता है जब प्रति सप्ताह मल त्याग (बोवल मूवमेंट) तीन या कम बार हो। प्रति सप्ताह एक से कम बार मल त्याग हो तो उसे गंभीर कब्ज माना जाता है।
Read in English: Constipation: Relief and Prevention
कब्ज के मुख्य कारण हैं -मल त्याग संबंधी बुरी आदतें, कम फाइबर लेना, मांस और प्रसंस्कृत उत्पादों (प्रोसेस्ड फ़ूड) का अधिक सेवन, शारीरिक गतिविधि की कमी, और अपर्याप्त पानी का सेवन। कब्ज़ के अन्य कारण हैं - अंतड़ियों में रुकावट (आंत्र अवरोध, इंटेसटिनलन ओब्स्ट्रकशन), मलाशय के कैंसर और हार्मोनल विकार। नींद की कमी से तनाव प्रतिक्रिया सक्रिय होती और यह कब्ज का कारण बन सकती है और चयापचय में भी हस्तक्षेप करती है। नींद की कमी से बुज़ुर्ग अपने बाथरूम शेड्यूल को भूल सकते हैं। अच्छी नींद से फिर से मल त्याग स्वस्थ और नियमित रूप से होने लगता है।
लक्षण हैं पेट के निचले भाग में बेचैनी और दर्द महसूस करना, शौच के समय जोर लगाने की जरूरत होना, मलाशय से खून बहना, बवासीर, और शारीरिक कष्ट । व्यक्ति पूरे वक्त मल त्याग में तकलीफ की वजह से परेशान रहता है और कुछ लोग बार-बार कोशिश भी करते रहते हैं।
अधिक फाइबर वाले खाना खाने से कब्ज से बचे रहने में मदद होती है। फल, सब्जियां, पालक और अन्य साग, बीन्स , दालें, मटर, साबुत अनाज, नट, प्रून्स और बीज फाइबर के अच्छे स्रोत हैं।
अधिकाँश साबुत भोजन में दोनों प्रकार के फाइबर होते हैं - घुलनशील और अघुलनशील (सोल्यूबिल और इन्सोल्यूबिल)। ये दोनों प्रकार के फाइबर नियमित मल त्याग की आदत बनाने में सहायक हैं।
- घुलनशील फाइबर अधिक पानी को अवशोषित करता है, जिससे अपशिष्ट ( मल) नरम होता है, और आंतों से अधिक आसानी से गुजरता है। ओट्स, नट्स, बीन्स, फलों के नरम हिस्से, कद्दू, शकरकंद, और गाजर घुलनशील फाइबर के अच्छे स्रोत हैं।
- अघुलनशील फाइबर पानी में नहीं घुलता है, बल्कि यह अपच भोजन के साथ जुड़ जाता है। नतीजन मल की मात्रा बढ़ती है और मल आंत से अधिक तेजी से निकलता है। पेट सख्त होने की भावना नहीं होती। फलों के छिलके, जैसे सेब, बेरी, अंगूर, नाशपाती, और साबुत अनाज अघुलनशील फाइबर के अच्छे स्रोत हैं
फाइबर सेवन बढ़ाने के लिए सुझाव:
- फलों के रस के बजाय साबुत फल खाएं
- सफेद चावल लेने के बदले सफ़ेद चावल और भूरा चावल (आधा आधा) मिला कर लें
- छिलकासहित गेहूँ से बनी डबलरोटी के सैंडविच का आनंद लें।
- स्नैक्स के लिए चेरी टमाटर, खीरा, गाजर, सादा पॉपकॉर्न, और सब्जी के सूप लें ।
- प्रति सप्ताह तीन बार मांस की जगह बीन्स खाएं
- प्रत्येक भोजन में अनाज, मांस / बीन्स, नट्स, फल और सब्जियों की मात्रा को संतुलित करें।
- सक्रिय रहें और नियमित व्यायाम करें।
- पर्याप्त पानी पिएं। कब्ज से निपटने में पानी पीना सबसे जरूरी है
- अच्छी नींद लेना स्वस्थ और नियमित मल त्याग की आदत डालने में मदद करेगा।
- प्रोबायोटिक्स और फलों और सब्जियों में मौजूद फाइबर आंतों से गुजर रही सामग्री को नरम करके उसका आंत्र से निकलने में मदद करेंगे। मल त्याग अधिक आसान होगा प्रत्येक भोजन में दही या फरमेंट करा हुआ दूध लेना भी कब्ज की समस्या को कम करने में मदद करेगा।
पालक और मूंग दाल - एक उच्च फाइबर वाली डिश की रेसिपी
सर्विंग्स: 2
पकी हुई मूंग दाल: - 1 कप
पालक, कटा: - 2 कप
टमाटर, कटा: - 1/2 कप
इमली का रस: - 2 बड़े चम्मच
कटा हुआ लहसुन: - 4 कलियाँ
तेल: - 2 बड़े चम्मच
सरसों: - 1/2 चम्मच
जीरा : - 1/2 चम्मच
काली मिर्च: 1/2 चम्मच
सूखी मिर्च: - 4
नमक स्वादअनुसार
निर्देश:
- एक कड़ाही में तेल गरम करें, उसमें सरसों, लहसुन, जीरा, और सूखी मिर्च डालें और एक मिनट के लिए चलाएं
- टमाटर डालें, 3 मिनट के लिए भूनें
- पालक डालकर 2 मिनट तक भूनें और फिर इमली का रस डालें और रस के साथ 2 मिनट पकने दें। अब पकी हुई मूंग दाल डालें और अच्छी तरह मिलाएँ। मिश्रण को 2 मिनट तक पकने दें।
- नमक और काली मिर्च डालकर चावल या रोटी के साथ गरमागरम परोसें।
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