![Image of Papads or Popaddams to show an unhealthy snack](/sites/default/files/styles/max_325x325/public/Resouces/images/Unhealthy_Snack%201.jpg?itok=Wb4HQxv6)
मीनू अग्रवाल सिंगापुर स्थित एक नैदानिक आहार और पोषण विशेषज्ञा हैं. उनका मानना है कि फिट रहने के लिए जंक फूड के सेवन को नियंत्रित करने की सख्त ज़रूरत है. वे मधुमेह, कोलेस्ट्रॉल, अम्लता और उच्च रक्तचाप जैसी बीमारियों और अन्य जटिलताओं से मुक्त होने की सलाह देती हैं और स्वास्थ्यकर स्नैक्स के विकल्प सुझाती हैं.
जंक फूड ऐसे खाद्य पदार्थों को कहते हैं जिनमें आवश्यक पोषक तत्व कम हो और कैलोरी और सोडियम की मात्रा ज्यादा हो". जंक फूड में प्रोटीन, विटामिन या खनिज की मात्रा बहुत कम या नहीं के बराबर होती है लेकिन यह नमक, चीनी, चर्बी और ऊर्जा (कैलोरी) से भरपूर होते हैं. जंक फूड स्वादिष्ट होने के कारण लोकप्रिय होते हैं लेकिन यह अस्वास्थ्यकर होते हैं. इनमें फाइबर कम होता है, चर्बी बहुत अधिक मात्रा में होती है और चीनी तरल रूप में होती है. अध्ययनों से पता चला है कि अस्वास्थ्यकर होने के बावजूद जंक फूड बेहिसाब खाने की प्रवृति पैदा करते हैं जिससे आगे चलकर मोटापा होता है. नीचे हम 4 अस्वास्थ्यकर पर लोकप्रिय स्नैक्स पर चर्चा करेंगे:
1) पापड़
उत्तर भारत हो या दक्षिण, दोपहर और रात का खाना सबके पसंदीदा पापड़ के बिना अधूरा है. चावल, दाल, सब्ज़ी और आचार के साथ पापड़ का होना हमारे घरों में बेहद जरूरी है. पापड़ न होना अक्सर नाराज़गी का कारण बन सकता है.
पापड़ बनाने की विधि पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही है. चावल, आटा, दाल, आलू, छोले या काले चने और विभिन्न मसाले, नमक और मूंगफली के तेल को एक साथ पीसकर आटा सना जाता है. फिर इस आटे के लोइयों को सपाट पतली रोटियों के रूप में बेल कर धूप में सुखाया जाता है. हममें से कईयों ने हमारी दादी और माँ को पूरी-पूरी दोपहर पापड़ बनाते हुए देखा है. कुछ जगहों में यह एक पारिवारिक कार्यक्रम बन जाता है जिसमें घर की सभी औरतें पापड़ बनाने के लिए इकट्ठी होती हैं.
पापड़ सेंक कर या तल कर खाये जाते हैं. पापड़ का सेवन कभी-कभार करें तो ठीक है लेकिन इसका अत्यधिक या रोजमर्रा सेवन करना ठीक नहीं है. पापड़ में भारी मात्रा में नमक होता है जो परिरक्षक के रूप में काम करता है और पापड़ को स्वादिष्ट भी बनाता है. लेकिन शरीर में अत्यधिक मात्रा में नमक (सोडियम) से उच्च रक्तचाप, शरीर में पानी जमा होकर शरीर में सूजन, पेट फूलने, प्यास में बढ़ोतरी, मधुमेह, इत्यादि हो सकते हैं. कुछ तरह के पापड़ में दिल खोल कर मसाले भी डाले जाते हैं और इतना ज्यादा मसाला खाना ठीक नहीं है.हम आम तौर पर एक बार में कम से कम 2-3 पापड़ खा जाते हैं. तुरंत ही डकारें आने लगती हैं और अपच के साथ-साथ अम्लीय महसूस होने लगता है. बहुत ज्यादा पापड़ खाने से यह आंतों के अन्दर की परत से चिपक सकते हैं और कब्ज और गैस्ट्रिक की समस्याओं पैदा कर सकते हैं.
तला हुआ पापड़ या सेंका हुआ पापड़?
ट्रांस फैट से भरपूर तेल में पापड़ को बार-बार तला जाता है. ट्रांस फैट बेहद खतरनाक होता है और इससे शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है जिससे हृदय की समस्या, मधुमेह आदि हो सकते हैं. जबकि वैसे तो सेंके हुए पापड़ तले हुए पापड़ की तुलना में बेहतर होते हैं, पर रोज़ सेंके हुए पापड़ का सेवन भी उचित नहीं है, क्योंकि पापड बहुत अम्लीय होता है और इसमें सोडियम की मात्रा भी बहुत ज्यादा होती है.
मैं आपको डराने की कोशिश नहीं कर रही हूँ लेकिन अगर आप अपने शरीर की परवाह करते हैं तो शरीर का ध्यान रखें और पापड़ के सेवन को नियंत्रित रहें.
2) समोसा
एक मध्यम से बड़े आकार के समोसे में 250 - 310 कैलोरी होती हैं. समोसा कार्ब्स और चर्बी से भरा होता है. इसे जिस तेल में तला जाता है वह तेल मुख्य अपराधी है. सड़क पर समोसा बेचने वाली छोटी-छोटी दुकानें उसी तेल का बार-बार इस्तेमाल करती हैं जिससे तेल बासी हो जाता है. ज्यादातर समय समोसा तलने के लिए हाइड्रोजनीकृत तेल (ट्रांस फैट युक्त) का उपयोग किया जाता है. हाइड्रोजनीकरण प्रक्रिया से तरल तेल को ठोस या अर्ध-ठोस वसा में बदल दिया जाता है जिससे ट्रांस फैट उत्पन्न होता है. हाइड्रोजनीकरण के माध्यम से वनस्पति तेल में हाइड्रोजन जोड़ा जाता है. यह तब होता है जब खाना पकाने के लिए एक ही तेल का बार-बार उपयोग किया जाता है या जब भोजन को बार-बार उसी तेल में गरम किया जाता है जिसमे उसे पकाया गया था. हाइड्रोजनीकरण से समोसे ज्यादा देर तक खाने-योग्य बने रहते हैं और समोसे स्वादिष्ट और कुरकुरे बनते हैं. समोसे से चर्बी बढ़ती है. समोसे खाने से पहले कोलेस्ट्रॉल, पाचन की समस्याएं, ट्रांस फैट और मैदे की समस्याओं के बारे में एक बार जरूर सोचें.
घर का बना समोसा या फ्रोजन समोसा?
घर में बने समोसे रास्ते की दुकानों में बने समोसे से बेहतर हो सकते हैं अगर हम एक ही तेल का बार-बार उपयोग ना करें और समोसे में दुकानों के मुकाबले अधिक स्वस्थ मसाला भरें.
फ्रोजन समोसे पहले से तले हुए होते हैं और उन्हें घर पर दोबारा तलना होता है. इसलिए फ्रोजन समोसे ज्यादा बेहतर नहीं होते हैं, और दुकान के समोसों जैसे ही होते हैं.
समोसे के बजाय कोई स्वास्थ्यवर्धक नाश्ता करें. समोसे से प्राप्त 300 कैलोरी जलाने के लिए आपको लगभग 6 किलोमीटर चलना होगा. समोसा या स्वास्थ्य - चुनना आपको है.
३) भुजिया
भुजिया सेवन किए जाने वाला सबसे लोकप्रिय जंक फूड है. लगभग हर भारतीय परिवार के मासिक किराने की सूची में भुजिया के 1-2 पैकेट (किसी भी प्रकार का हो सकता है) शामिल होते हैं. खाने की मेज़ पर भुजिया का होना तय है. किसी भी छुट्टी की यात्रा में विभिन्न प्रकार के भुजिया के पैकेट होने अनिवार्य हैं. लेकिन वास्तव में हम कितनी बार भुजिया की पोषण संबंधी जानकारी पर नज़र डालते हैं? एक चम्मच में लगभग 10 ग्राम भुजिया परोसी जाती हैं और एक बार में 3-8 चम्मच (30 ग्राम से 80 ग्राम) का सेवन किया जाता है. 100 ग्राम आलू भुजिया के पोषण-संबंधी जानकारी को देखें: ऊर्जा - 630 किलो कैलोरी, प्रोटीन - 5 ग्राम, कुल कार्बोहाइड्रेट - 40 ग्राम, कुल वसा - 50 ग्राम, ट्रांस फैट - 0 ग्राम, कोलेस्ट्रॉल - 0 मिलीग्राम, सोडियम - 670 मिलीग्राम. कैलोरी का विभाजन:: 71% वसा, 25% कार्बोहाइड्रेट और 3% प्रोटीन. अधिकांश प्रकार की भुजिया तली हुए होती हैं और ज्यादा दिनों तक खाने योग्य रहे इसलिए इनमें परिरक्षक भी होते हैं.
लंबे समय तक भुजिया के सेवन से उच्च रक्तचाप, उच्च कोलेस्ट्रॉल और मधुमेह हो सकता है.
4) मैसूर पाक
चेन्नई हवाई अड्डे में कई बार मैंने लोगों को कृष्णा स्वीट्स से मैसूर पाक के खूब सारे डब्बे खरीद कर ले जाते हुए देखा है. पुराने कलकत्ता (अब कोलकाता) में पले-बड़े होने के कारण यह मिठाई मेरे लिए नई है. बचपन से हमने सिर्फ पारंपरिक छेने के रसगुल्ले और सन्देश ही खाए हैं. मैसूर पाक को चखने के बाद पता चला कि यह एक स्वादिष्ट मिठाई है जो मुंह में आते ही पिघल जाती है. अहा ...! मैसूर पाक दक्षिण भारत में सबसे लोकप्रिय मिठाइयों में से एक है और इसे भारी मात्रा में घी, वनस्पति तेल, चीनी, पानी और बेसन से तैयार किया जाता है. औसतन 50 ग्राम मैसूर पाक में लगभग 200 कैलोरी होती है जिसमें लगभग 100 कैलोरी वसा से है. इस मिठाई में संतृप्त वसा और चीनी बहुत अधिक होते हैं. स्वास्थ्य की दृष्टि से इसका नियमित सेवन हानिकारक है. हाँ कभी-कभार अगर मीठा खाने का मन कर जाए तो मैसूर पाक खा सकते हैं!!
इससे पहले कि आप 2-3 मैसूर पाक खा जाएं, एक बार सोच लें कि उन अतिरिक्त कैलोरी को जलाने के लिए आपको कितना काम करना पड़ेगा.
नीचे स्वास्थ्यकर स्नैक्स के कुछ विकल्प दिए गए हैं:
- मुरमुरा (बंगाल में झाल मूरी),
- बादाम और मूंगफली
- तालमखाना (कमल के बीज) - भुना हुआ और चीनी रहित
- अंकुरित बीजों का सलाद
- ताज़ी कटी हुई सब्जियां, गुआकामोल या हम्मस सहित
- ताज़े कटे हुए फल
- पोहा
तो अगली बार शाम को भूख लगने पर या शराब के साथ कुछ खाने का मन होने पर पापड़, समोसे, भुजिया या मैसूर पाक चट कर जाने से पहले अच्छी तरह जरूर सोचें. लेना भी हो तो कभी-कभार लें, और मात्रा को सीमित रखें. आपका स्वास्थ्य आपके हाथों में है.
(मीनू अग्रवाल सिंगापुर में स्थित पोषण सम्बन्धी परामर्श देने वाली फर्म फ़ूड एन वेलनेस की संस्थापक हैं. उन्हें न्यूट्रीशन एंड डायटेटिक्स में मास्टर डिग्री हासिल है और वे सिंगापुर न्यूट्रीशन एंड डायटेटिक एसोसिएशन [एसएनडीए] की एक पंजीकृत सदस्य हैं.)