Skip to main content
Submitted by Arunai Thelirc… on 9 July 2020

बुजुर्गों में चोट लगने का प्रमुख कारण शायद उनका गिरना है। गिरने की वजह से चिकित्सा के और रीहैब (पुनर्वास) के खर्च भी बहुत ऊंचे होते हैं। इस लेख में  पोरसेलवी ए.पी., एक संज्ञानात्मक और मनोसामाजिक हस्तक्षेप विशेषज्ञ, साझा करती हैं कि घर में बुजुर्गों के गिरने से बचाव (फॉल प्रिवेंशन) के लिए कैसे बदलाव संभव हैं - जैसे कि हैण्ड-रेल लगवाना, एंटीस्किड (फिसलन विरोधी) मैट का इस्तेमाल, घर में अत्याधिक और अव्यवस्थित सामान को हटा कर घर व्यवस्थित करना, संतुलित रखने वाले मजबूत जूते पहनना, इत्यादि।

बुजुर्गों को गिरने से बचाएं तो उन्हें  अस्पताल में भरती होने से और अन्य गिरने से सम्बंधित जटिलताओं से बचाया जा सकता है - चाहे वे बुज़ुर्ग अच्छे स्वास्थ्य में हों या  पहले से ही ऐसी पुरानी बीमारियों से जूझ रहे हों जिन से उन्हें  संतुलन में और चल फिर पाने में कठिनाइयां हो रही हैं। बुजुर्गों में गिरने के कारण उत्पन्न खर्च (जैसे कि इलाज का खर्च, और रीहैब का खर्च) काफी ज्यादा हो सकते हैं, और इस खर्चे से भी उनके जीवन की गुणवत्ता काफी कम हों सकती है। कुछ बुज़ुर्ग गिरने की, और उस से जुड़े दर्द की संभावना को लेकर बहुत चिंतित रहते हैं -- इस हद तक कि वे अपनी पसंदीदा गतिविधियां और रोजमर्रा के दैनिक काम भी छोड़ देते हैं। डर के कारण इस तरह से सिमट जाना भी उनके जीवन की गुणवत्ता में कमी होने का कारण बन सकता है। इस से आक्रोश पैदा हो सकता है। उनका उम्र बढ़ने के प्रति दृष्टिकोण नकारात्मक हो सकता है और वे असहायता और अवसाद महसूस कर सकते हैं।

गिरने से बचाव के लिए कुछ आम सुझाव:

  • कहीं जाना हो तो पहले से योजना बनाएं और जल्दबाजी में जाने की कोशिश न करें। यदि आप को कुछ देर हो जाए या आप किसी काम को पूरा करने में अधिक समय लेते हैं तो कोई बात नहीं - फिक्र न करें। याद रखें कि जल्दी करने की तुलना में आपका सुरक्षित रहना अधिक जरूरी है -- और गिरने से उत्पन्न सर्जरी, दवाओं और फिजियोथेरेपी की तुलना में किसी काम में थोड़ी देर हो जाना निश्चित रूप से बेहतर है।
  • अपने घर को व्यवस्थित रखें - अत्याधिक सामान, बेकार का सामान, इधर-उधर फैला हुआ सामान - इन से गिरने की संभावना बढ़ती है। बिजली और टीवी इत्यादि के तारों में पैर अटकने के कारण बुज़ुर्ग गिर सकते हैं। कालीन में सलवटें हों या उसके किनारों की झालर में भी पैर अटक सकता है और गिरने का ख़तरा है। इसलिए घर में जिस जगह बुज़ुर्ग आते जाते हों उन जगहों के फर्श पर से या तो तारों को और कालीन/ दरी वगैरह को हटा दें या उन्हें दृढ़ता से जमीन पर सिलोफ़न टेप के साथ चिपका दें।
  • बाथरूम में दीवारों पर रेलिंग, एंटी-स्किड टाइल, कमोड के पास रेलिंग, और  एंटी-स्लिप डोर मैट आवश्यक हैं। बाथरूम का कौन सा हिस्सा सूखा रहता है, और कौन सा गीला हो सकता है, यह स्पष्ट होना चाहिए। जिस हिस्से में नहाते हैं उसे जल्दी सुखाने के लिए पंखा लगवाएं और हर बार नहाने के बाद पंखा चला कर जल्दी सुखाएं। टॉयलेट सीट ऊंची होनी चाहिए/  को ऊपर उठाने की जरूरत है ताकि वरिष्ठों को बैठने और उठने के दौरान संतुलन बनाए रखने के लिए ज्यादा झुकना न पड़े। शॉवर वाले क्षेत्र में एक ऐसी मजबूत और स्थिर कुर्सी रखें जो बैठने पर हिले नहीं और जिस पर बैठ कर व्यक्ति आराम से नहा सकें।
    नहाते वक्त बैठना अधिक सुरक्षित है। जिस्म पर पानी डालने के लिए बाल्टी के मुकाबले हैण्ड-शावर (हाथ से पकड़ी जाने वाले शॅावर) का इस्तेमाल अधिक आसान और सुरक्षित है। बैठ कर स्नान करने समय एक अन्य सुविधा यह है कि व्यक्ति अपने तलवे और पैरों को साफ करने के लिए टांग उठा सकते हैं या अपनी पीठ को साफ करने के लिए लूफै़ण या झाँवा  इस्तेमाल कर सकते हैं।  बाथरूम में कुछ गिरा तो नहीं (जैसे कि शैम्पू या लोशन) इस के लिए सावधान रहें - और अगर कुछ गिरे तो उसे उसी वक्त साफ करें। यदि व्यक्ति को मूत्र असंयम है, और कुछ मूत्र टपका हो तब उसकी जल्दी से सफाई करें।
  • व्यक्ति घर के जिस भी हिस्से में जाते हों वहां रौशनी अच्छी रहनी चाहिए।  उचित बल्ब और ट्यूबलाइट लगाएं। रात में एक ऐसा नाईट लैंप जलाया हुआ रखें जिसकी रोशनी पर्याप्त हो। रात के समय बाथरूम की रोशनी  जलाए रखें और बाथरूम के दरवाजे को थोड़ा खुला छोड़ें ताकि व्यक्ति को अगर रात में टॉयलेट का उपयोग करना हो तो वे घर में अपना रास्ता आसानी से और सुरक्षित तरह से खोज पायें ।
  • घर में गिरने के सबसे आम स्थान हैं बाथरूम में, बेडरूम में बिस्तर के पास, और खाने के कमरे या ड्राइंग रूम में जहां वे कुर्सी/ सोफे से उठते हैं या बैठने की कोशिश करते हैं। इसलिए इन सब जगह मजबूत और स्थिर फर्नीचर और रेलिंग का होना  जरूरी  है। फर्नीचर पर लगा गद्दा बहुत नरम नहीं होना चाहिए, और न ही उनमें लगे स्प्रिंग्स ऐसे हों  जो व्यक्ति के बैठने पर नीचे धंस जाएँ - ऐसा हो तो बैठ जाने के बाद इनसे उठने में  व्यक्ति को संतुलन बनाए रखना मुश्किल होगा।
  • घर के अन्दर और बाहर इस्तेमाल होने वाले चप्पल, जूते और  स्लिप-ऑन ऐसे होने चाहियें जो टखने तक हों और पैर के पीछे से होते हुए पैरों को सही सपोर्ट दे सकते हों। सामान्य तौर पर इस्तेमाल होने वाली स्लिपर या फ्लिप फ्लॉप पहनने से व्यक्ति ट्रिप होकर गिर सकते हैं।

Related Reading: Adaptations for Elder Friendly Homes

संबंधित लेख: एल्डर फ्रेंडली होम्स के लिए बदलाव

संतुलन में दिक्कतें महसूस करने वाले बुजुर्ग और पोस्चर (आसन, खड़े होने, चलने, बैठने के तरीके) में बदलाव

यह ध्यान दें: क्या व्यक्ति की मुद्रा में किसी भी बदलाव (जैसे खड़े होना, खड़े होकर लेटना, अपने सिर को झुकाकर झुकना, किसी चीज़ को उठाने के बाद खड़े होना, शौचालय में कमोड का उपयोग करने के बाद उठना आदि ) का उनकी संतुलन संबंधी कठिनाईयों से या चक्कर आने से सम्बन्ध है? यदि ऐसा होता है, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें। इस तरह की संतुलन की कठिनाइयों का या गिरने का शायद कुछ मेडिकल कारण हो जिस से व्यक्ति को लगे कि सर में अचानक कुछ बदल रहा है। इस तरह का पोस्टुरल हाइपोटेंशन कुछ सिस्टेमिक (दैहिक, सर्वांगी) विकारों या दवा के दुष्प्रभाव से हो सकता है और इस के कारण बार-बार गिरने के हादसे हो सकते हैं और गंभीर चोटें लग सकती हैं। इसे तत्काल चिकित्सा और पुनर्वास संबंधी ध्यान देना होगा। बुज़ुर्ग को उनकी स्थिति के बारे में शिक्षित किया जाना चाहिए और इसके परिणाम भी समझाने चाहियें।

उन्हें हर समय पर्याप्त रूप से हाइड्रेटेड रहने की (तरल पदार्थ लेते रहने की) जरूरत है, एक ही बार में बहुत ज्यादा खाने से बचने  की जरूरत होगा, तेज गर्म पानी के स्नान से बचना है और शराब के सेवन से भी बचने की जरूरत है। उन्हें कुछ ऐसे टिप्स से भी फायदा होगा जैसे कि - खड़े होते समय पैरों को क्रॉस करना, फर्श से उठने से पहले उकडूं बैठना, लेटे हों तो सीधे खड़े न होना बल्कि पहले बैठना और फिर खड़े होना, बैठने से खड़े होते वक्त सर और धड़ आगे करना और फिर खड़े होना, पोजीशन जब भी बदलनी हो तो धीरे से बदलना - 20 तक गिनती करते हुए। फिजियोथेरेपिस्ट उन्हें संतुलन के लिए एक्सरसाइज  सिखा सकते हैं और गिरने से बचने के लिए भी एक्सरसाइज सिखा सकते हैं। रोगी शिक्षा सत्र से भी बुज़ुर्ग को और उनके देखभालकर्ता को फायदा हो सकता है - वे समझ पायेंगे कि गिरने से बचाव कैसे करें जिस से वे गिरने से सम्बन्धित जटिलताओं से बच सकेंगे।

डिमेंशियाया पार्किंसंस रोग से ग्रस्त लोग

यदि बुज़ुर्ग व्यक्ति को कोई पुरानी चिरकालिक बीमारी है जिस से उनकी गिरने की संभावना  ज्यादा होती है - जैसे कि पार्किंसंस रोग या मनोभ्रंश - तो सुरक्षित रहने के लिए सबसे बेहतर यह होगा कि दीवारों और फर्नीचर के पैने किनारों पर फोम लाइनिंग चिपका दें। कभी-कभी इन बीमारियों से ग्रस्त व्यक्ति आकृति और गहराई ठीक से भांप नहीं पाते। ऐसे में सीढ़ियों से या ऊबड़-खाबड़ ऊंचे-नीचे फर्श से बचना अच्छा है। यदि सीढ़ियाँ या ऊंचा-नीचा  फर्श हो तो उस विशेष क्षेत्र को एक अलग रंग में रंगें ताकि वह स्पष्ट नजर आये, या फर्श पर चमकीले रंगीन टेप को चिपकाकर उसे देखने और पहचान पाने में आसान बनाएं है। यदि व्यक्ति को मनोभ्रंश है, तो वे गिरने को रोकने के लिए निर्देशों को याद रखने में सक्षम नहीं होंगे। ऐसी स्थिति में पुनर्वास चिकित्सक से सलाह लें - शायद वे विभिन्न प्रकार के संज्ञानात्मक और व्यवहारिक अभ्यास करवा कर इस तरह की सावधानी को व्यक्ति की आदतों का भाग बना पायें जिस से व्यक्ति के गिरने का जोखिम कम हो।

यदि बुज़ुर्ग  को दस्त लगे हों या बार-बार उलटी हो रही हो तो यह समझना जरूरी है कि द्रव और इलेक्ट्रोलाइट का स्तर असंतुलित हो सकता है और इस से व्यक्ति को चक्कर आ सकता है और व्यक्ति गिर सकते हैं। आवश्यक सावधानी बरतने की आवश्यकता है।

घर के बाहर गिरने से बचाव

फॉल्स पर लिखे गए अधिकांश लेखों में, और अधिकाँश सलाह में यह बताया जाता है कि गिरने से बचाव के लिए घर पर क्या करें। लेकिन बुजुर्गों को घर के अंदर ही नहीं, घर के बाहर भी संतुलन खोने और गिरने का खतरा है। यदि पास किसी बगीचे या पार्क में जाना हो तो पक्की जमीन वाले रास्ते पर चलें, कच्ची जमीन या घास पर न उतरें क्योंकि यह समतल नहीं होगी। एस्केलेटर के मुकाबले लिफ्ट लेना हमेशा बेहतर होता है क्योंकि एस्केलेटर बुजुर्गों के लिए सुरक्षित नहीं होते हैं। एस्केलेटर के इस्तेमाल के लिए जल्दी से चढ़ना उतरना होता पर बुज़ुर्ग इस तरह की तेज़ी की प्रतिक्रिया में शायद सक्षम न हों और एस्केलेटर से वे चिंतित हो सकते हैं और घबरा सकते हैं जिस से उनका संतुलन और भी बिगड़ सकता है - देखभाल कर्ता साथ हो तब भी दिक्कत हो सकती है। दोपहर के आसपास बाहर न जाना बेहतर है क्योंकि इस समय थकान अधिक हो सकती है। शारीरिक गतिविधि में और आराम करने में समन्वय  बनाए रखना भी आवश्यक है।

क्वाड केन या वॉकर का उपयोग

व्यक्ति जब तक हो सके तब तक चलते फिरते रहें इस के लिए जैसे उचित हो उतना क्वाउन्हें ड कैन या वॉकर का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करना जरूरी है। आमतौर पर भारत में बुजुर्ग गिरने से बचने के लिए अपने परिवार वालों का सहारा लेते हैं। यह देखभाल करने वालों पर उनकी निर्भरता बढ़ा सकता है और  देखभाल करने वाले को तनाव हो सकता है। जब छड़ी के रूप में बुज़ुर्ग अपने पति या पत्नी या पोता-पोती का इस्तेमाल करते हैं तो व्यक्ति और सहारा देने वाले- दोनों के गिरने का खतरा बढ़ जाता है। यदि व्यक्ति  छड़ी का उपयोग नहीं करना चाहते तो थेरापिस्ट से संपर्क करें - शायद वे बुज़ुर्ग को समझा पायें कि छड़ी का इस्तेमाल कोई बुरी  बात या कलंक नहीं और इस के बहुत फायदे हैं।

सार्वजनिक और निजी परिवहन

भारत में सड़कों पर चलते समय अधिक सावधान रहना होता है। अच्छा यही है कि हमेशा अतिरिक्त सहारे के लिए एक क्वाड केन (चार पैरों वाली छड़ी) रखें - और जहां उपलब्ध हो और समतल हो वहां फुटपाथ पर ही रहें। सार्वजनिक परिवहन इस्तेमाल करना खुद में एक चुनौती है। बेहतर होगा कि निजी परिवहन का अधिक से अधिक उपयोग करें - अगर सार्वजनिक परिवहन इस्तेमाल करना हो तो बस स्टॉप / ट्रेन स्टेशन पर बस या ट्रेन में चढ़ने/ उतरने के लिए मदद  लें। यदि आपको रेस्तरां या किसी भी समारोह में जाने की आवश्यकता है, तो हमेशा पहले पता कर लें की रेस्तरां या समारोह स्थल भूतल पर है -- यदि नहीं है तो क्या वहां लिफ्ट है - फिर उसी अनुसार योजना बनाएं।

भविष्य में बचाव अधिक आसान बनाएं

युवा पीढ़ी को सिखाना होगा कि वे इस समस्या के प्रति जागरूक हों और सहानुभूति रखें और बुज़ुर्ग की मदद कर पायें। यदि आप वृद्ध लोगों को आमंत्रित करने की योजना बना रहे हैं, तो सुनिश्चित करें कि समारोह का स्थल ऐसा हो जो विकलांग / बुजुर्ग के अनुकूल हो। इस तरह की सतर्कता और जागरूकता से हो सकता है भविष्य में हमारी नीतियों में बदलाव लाया जाए जिससे हमारे समाज को विकलांग लोगों के लिए अधिक समावेशी और अनुकूल बनाया जा सके।

Changed
Thu, 07/09/2020 - 20:12

Stories

  • An Overnight Nursing Home for Dementia Patients
    Provides respite care for Alzheimer's patients who suffer from "sundowning". Many with Alzheimer's are at their most active after dark. A New York care facility has launched an after-hours camp-style program to entertain them until the morning—and help their caregivers get some sleep. For months, Ortiz would sleep during the day and be up much of the night wandering around the apartment. Her daughter was too afraid to sleep—afraid her mother might fall and hurt herself or even try to leave…
  • Sir Terry Pratchett, fantasy author, died eight years after being diagnosed with Alzheimer's disease
    Sir Terry Pratchett, 66, fantasy author, died eight years after being diagnosed with Alzheimer's disease. He was the creator of Discworld series "Terry faced his Alzheimer's disease (an 'embuggerance', as he called it) publicly and bravely," said Mr Finlay. Knighted in 2009, he said: "It would appear to me that me getting up and saying 'I've got Alzheimer's', it did shake people." "The thing about Alzheimer's is there are few families that haven't been touched by the disease. People come up to…
  • State-of-the-art dementia treatment facility is a 1950s era village - Hogewey
    Hogewey is an amazing "village" on the outskirts of Amsterdam. It's a step back into the 1950s boasting pretty, manicured streets, a grocery, cafe, coffee shop, restaurant and even a beauty salon and barber shop. There are 152 residents in Hogewey, and all have something in common—dementia. Hogewey is a treatment facility for dementia and Alzheimer's patients. It is set in the 1950s because the dementia patient's long term memory is preserved much more vividly than short…
  • I paint to my heart's content and refresh my mind to start each challenging day anew
    Mrs Gowri shares her experience as a caregiver of her mother with Dementia   I care for my mother, a soft natured but strong willed woman, who had worked for 35 years. Post retirement, a freak accident while gardening, which we now believe could have been caused by a mild stroke, reduced her mobility and slowly led to the degeneration of the brain cells. Normally very quiet and uncomplaining, she had begun to lose her alacrity. Without any of us being aware of the symptoms, like difficulty…
  • Still Alice: A Review from an Alzheimer’s CareGiver
    A review of "Still Alice" by Ekta Hattangady, from India who was 13 when her mother was diagnosed with Early Onset Alzheimer's at 43. Ekta became her Primary Caregiver at the age of 16. My final verdict would be…it’s a great movie. It’s not reality. Not every person with Alzheimer’s would be like this…some may be a lot worse…especially in the case of Early Onset Dementia.  Everything you saw in this movie, multiply it by 10,000 times and then you may be somewhere close to what it is like…
  • Common anticholinergic drugs like Benadryl, Nytol linked to increased dementia risk
    Nytol, Benadryl, Ditropan and Piriton among the medications identified by scientists as raising likelihood of dementia A report published online this week in JAMA Internal Medicine offers compelling evidence of a link between long-term use of anticholinergic medications like Benadryl and dementia. Anticholinergic drugs block the action of acetylcholine. This substance transmits messages in the nervous system. In the brain, acetylcholine is involved in learning and memory. In the…
  • Challenges of Parkinson’s Disease – for patient and caregiver
    Mrs Balasubramaniam has been looking after her husband, 83, who has Parkinson’s Disease, for more than a decade. She shares symptoms, treatments and caregiving tips.   When was your husband diagnosed with Parkinson’s Disease? My husband was diagnosed with Parkinson’s Disease about 10 to 12 years back, but he probably had symptoms much before that were not very noticeable, such as mild abnormality of gait or sticking out his tongue occasionally. What were the early…
  • From Robin Williams to My Father, Understanding Lewy Body Dementia
    Remember that you don't have to do any of this alone. - Kuntal Joisher Recently, it came to light that a significant underlying factor to Williams' decision to end his lifemay have been the fact that Williams was believed to have been suffering from Lewy Body Dementia. This recent discovery has put the spotlight firmly on Lewy Body Dementia or LBD, a disease that often goes undiagnosed in those afflicted with the condition. Lewy Body Dementia is the most misdiagnosed form of dementia. LBD…
  • Educating people about dementia through a virtual experience
    Alzheimer's Australia together with Opaque Multimedia has created a virtual dementia experience to educate people on what it's like to live with dementia. The multi-sensory gamification simulation uses light, sound, colour, and visual content as well as kinetic senses to project images across the room to re-create experiences that dementia suffers often face, such as perceiving a dark mat on a light floor as a black hole. "Dementia is a disease that is often very difficult to explain about what…
  • How I'm preparing to get Alzheimer's - Alanna Shaikh
    Global development expert Alanna Shaikh takes on the toughest of health issues - dementia- from the ones affecting the globe at large to the ones hurting her own family. "My dad was my hero and my mentor for most of my life, and I've spent the last decade watching him disappear." "Based on what I've learned from taking care of my father, and researching what it's like to live with dementia, I'm focusing on three things in my preparation: I'm changing what I do for fun, I'm…