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विश्व लंग कैंसर दिवस के अवसर पर इस लेख में मुंबई के हिंदुजा अस्पताल के कंसल्टेंट रेस्पिरोलोगिस्ट डॉ लांसलॉट पिंटो फेफड़ों के कैंसर के 10 आम देखे जाने वाले लक्षणों पर प्रकाश डालते हैं। फेफड़ों का कैंसर भारत में सभी नए कैंसर के केस का लगभग 13 प्रतिशत हिस्सा है -- और धूम्रपान इस बीमारी का मुख्य कारण है।
जो व्यक्ति वर्तमान में धूम्रपान करते हैं, अतीत में धूम्रपान करते थे, जिनके परिवार में फेफड़े के कैंसर का पारिवारिक इतिहास (फॅमिली हिस्ट्री) है, और जिन लोगों ने ऐसे माहौल में काम करा है जिस में एस्बेस्टस था, उन लोगों को अन्य लोगों के मुकाबले फेफड़ों के कैंसर होने का कहीं ज्यादा खतरा है। ऐसे लोगों को ख़ास तौर से फेफड़ों के कैंसर के लक्षणों और संकेतों के लिए सतर्क रहने की जरूरत है।
फेफड़ों के कैंसर के आम लक्षण, जिन के लिए सतर्क रहना चाहिए:
1. बिना किसी स्पष्ट वजह से वजन घटना
आहार या व्यायाम में बदलाव किए बिना अगर वजन घटे तो जांच की जानी चाहिए। यह विशेष रूप से तब जरूरी है यदि वजन 10 प्रतिशत से अधिक घटा हो।
2. कफ (बलगम) में खून आना
हालांकि मीडिया इस लक्षण को फेफड़ों के कैंसर के सबसे महत्वपूर्ण लक्षण के रूप में दर्शाती है, असल में बलगम में खून अनेक कारणों से आ सकता है। यदि यह लक्षण है, तो इसे अनदेखा नहीं करना चाहिए। डरें नहीं, आतंकित न हों, यह न सोचें कि अब तो सब डूब गया, कुछ नहीं हो सकता - यह लक्षण कई सहज कारणों से भी पैदा हो सकता है।
3. लम्बे अरसे से चल रही खांसी
अगर खांसी 2 सप्ताह से अधिक समय तक रहती है, तब उसकी जांच करना आवश्यक है, क्योंकि यह फेफड़ों के कैंसर की वजह से भी हो सकती है।
4. सांस लेने में कठिनाई
यह एक ऐसा लक्षण है जिसे कभी भी अनदेखा नहीं किया जाना चाहिए। ऐसा न सोचें इस का कारण बुढ़ापा होगा। इस लक्षण के अनेक कारण हो सकते हैं।
5. छाती में दर्द
खासतौर से ऐसा दर्द जो गहरी सांस लेते समय, खांसते समय या छींकने पर ज्यादा हो। अगर इस लक्षण के साथ उपरोक्त लक्षणों में से कोई और लक्षण भी मौजूद हैं तो स्थिति को और अधिक गंभीर मानें।
6. बहुत अधिक मात्रा में बलगम बनना
बलगम बहुत ज्यादा बने - जिसे ब्रोंकोरिया भी कहा जाता है - यह लक्षण फेफड़ों के कैंसर के कारण हो सकता है।
7. सांस लेते समय सीटी की आवाज
यदि बड़ी उम्र में, पहली बार यह अनुभव हो कि सांस लेते समय सीटी की आवाज़ या घरघराहट हो रही है और व्यक्ति को पहले कभी अस्थमा (दमा) या सीओपीडी नहीं था तो यह लक्षण वायु मार्ग में ट्यूमर का संकेत हो सकता है।
8. बगल, गर्दन या छाती में सूजन
भारत में संभवतः ऐसी सूजन का मुख्य कारण तपेदिक (टीबी) है पर फेफड़े का कैंसर भी इन क्षेत्रों में फैल सकता है और इस तरह के लक्षण पैदा कर सकता है।
9. अत्यधिक थकान / रात को पसीना छूटना/ लंबे समय से चल रहा बुखार
इन लक्षणों का मुख्य कारण संभवतः तपेदिक (टीबी) है, लेकिन ये लक्षण कुछ कैंसर में भी नजर आ सकते हैं - जैसे कि ऐसा लिम्फोमा जिस का असर फेफड़ों पर भी हुआ है।
10. फ्रैक्चर या कन्वल्शन (ऐंठन, आक्षेप)
एक तुच्छ चोट से हड्डी का फ्रैक्चर हो जाना/ वयस्क अवस्था में पहली बार कन्वल्शन (ऐंठन, आक्षेप) होना/ पैरों की गहरी नसों में थक्के होना/ पेट की सूजन -- ये सब फेफड़ों के कैंसर के फैलने का या शरीर के किसी भी हिस्से में होने वाले कैंसर का संकेत हो सकते हैं। शरीर में कहीं न कहीं एक गुप्त कैंसर की संभावना के लिए इन समस्याओं की हमेशा अच्छी तरह से जांच की जानी चाहिए।