
यदि आप अपने रक्तचाप को घर पर मापना चाहते हैं, तो आपको एक “होम बीपी मॉनिटर” (घरेलू रक्तचाप मॉनिटर) खरीदना होगा। यह तय करना जरूरी है कि आपके द्वारा चुना गया ब्लड प्रेशर मॉनिटर ठीक रीडिंग देता है और आपके लिए सही है। साथ ही, आपको मॉनिटर का इस्तेमाल भी सही तरह से करना चाहिए।
कभी-कभी डॉक्टर आपको अपने रक्तचाप की अधिक निगरानी करने के लिए कह सकते हैं, खासकर यदि आपको उच्च रक्तचाप हो या कोई अन्य सम्बंधित या गंभीर स्वास्थ्य समस्या हो। ऐसे मामलों में, घर में इस्तेमाल करने के लिए बीपी मॉनिटर खरीदने की जरूरत हो सकती है। इस लेख में बीपी मॉनिटर कैसे चुनें और इसका ठीक से उपयोग कैसे करें, इस पर कुछ मार्गदर्शन दिया गया है।
बीपी मॉनिटर कैसे चुनें:
- ऐसा मॉनिटर चुनें जिसमें कफ आपकी ऊपरी भुजा पर बांधना होता है। कलाई या उंगली से बीपी मापने वाले मॉनिटर भरोसेमंद रीडिंग नहीं देते।
- ऐसे आटोमेटिक मॉनिटर जो चुनें, जिसमें सिर्फ बटन दबाने से कफ में हवा खुद भरती हो।
- मॉनिटर का डिस्प्ले ऐसा हो जो बड़ा हो, ब्राइट/ प्रकाशमान हो और स्पष्ट नजर आ सके।
- ऐसे मॉनिटर के बारे में सोचें जो आपके स्मार्टफोन से कनेक्ट हो सके और जिस की रीडिंग फ़ोन पर इंस्टाल करे गए ऐप में स्थानांतरित हो सके, ताकि इस ऐप में आप अपनी दिन-ब-दिन की रीडिंग का ग्राफ भी देख सकें। कुछ उपकरण वायरलेस से आपके फ़ोन पर रीडिंग भेज सकते हैं।
बीपी मॉनिटर का सही तरीके से इस्तेमाल कैसे करें:
- रीडिंग लेने से 30 मिनट पहले तक कोई कैफीन युक्त या मादक पेय न लें।
- रीडिंग लेने से 30 मिनट पहले तक धूम्रपान न करें।
- रीडिंग लेने से पांच मिनट पहले तक पीठ को सहारा देते हुए बैठें। पैरों एक दूसरे पर न रखें (पैर क्रॉस न करें) और पैरों को सपाट ज़मीन पर रखें और आराम करें।
- अपनी बांह को सहारा दें ताकि आपकी कोहनी तकरीबन आपके दिल के स्तर पर हो।
- कफ को सीधे त्वचा पर लपेटें, कपड़े (जैसे कि आस्तीन या स्वेटर वगैरह) के ऊपर न बांधें। कफ का निचला भाग कोहनी के मोड़ के ठीक ऊपर होना चाहिए।
- बीपी का माप लेते समय बात न करें।
- एक बार बीपी मापने के बाद, कफ से हवा निकलने दें, पर उसे उसी जगह पर बंधा रहने दें। फिर 1 से 3 मिनट तक प्रतीक्षा करने के बाद दूसरी रीडिंग लें। यदि दूसरी रीडिंग पहली रीडिंग के करीब है, तो दोनों रीडिंग का औसत निकालें। यदि दोनों में काफी अंतर है, तो फिर से कुछ टाइम इंतज़ार करके तीसरी रीडिंग लें और तीन रीडिंग के औसत लें।
- अपने रक्तचाप की रीडिंग का रिकॉर्ड रखें- नोट करें कि किस दिन. किस समय क्या रीडिंग आई है।
पेशेंट्स एंगेज टिप्स:
बार-बार रीडिंग न लें। ऐसा करने से चिंता बढ़ेगी और चिंता के कारण रीडिंग ऊंची आ सकती है। बीपी रीडिंग में अनेक कारण से कुछ उतार-चढ़ाव स्वाभाविक है - डॉक्टर स पर सलाह देंगे।
सुनिश्चित करें कि आप का बीपी मॉनिटर ठीक रीडिंग दिखा रहा है - अपने डॉक्टर से कहें कि वे आपके मॉनिटर से ली गयी रीडिंग को डॉक्टर के मॉनिटर की रीडिंग से तुलना करें जिस से पक्का हो सके कि आपके मॉनिटर की रीडिंग ठीक आ रही है या नहीं।
सुनिश्चित करें कि मॉनिटर की बैटरी की पॉवर कम न हो। बैटरी कम होगी तो बीपी रीडिंग गलत आ सकती है।
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