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दिल्ली के 37 वर्षीय विनय जानी 21 साल की छोटी उम्र से एपिलेप्सी (मिर्गी, अपस्मार) से जूझ रहे हैं। वे बताते हैं कि उन्होंने इस स्थिति से कैसे दृढ़ता से मुकाबला किया, खासकर उन चुनौतियों का सामना करने में जो समाज में बड़े पैमाने में एपिलेप्सी के बारे में कम जानकारी और गलत धारणाओं के कारण होती हैं।
मुझे फोकल सीज़र (काम्प्लेक्स पार्शियल) हैं - मेरे मस्तिष्क के लेफ्ट टेम्पोरल क्षेत्र में एक गैर-कैंसर सिस्ट है जिस के कारण मैं 30-40 सेकेंड के लिए अपनी चेतना खो देता हूं।
आपका निदान कब किया गया था?
इसका निदान जुलाई 2005 में किया गया था
शुरुआती लक्षण क्या थे?
लक्षण अभी भी वही हैं लेकिन शुरुआती चरण में मैं अपने सीज़र से पहले “औरा” (पूर्वाभास का चरण) को पहचानने में सक्षम नहीं था। मेरे प्रकार के सीज़र में, मैं पहले एक औरा महसूस करता हूं और फिर 30-40 सेकेंड के लिए चेतना खो देता हूं। सीज़र के दौरान मैं कई बार अपनी जीभ भी काटता हूं। यह औरा मेरे शरीर में एक भावना, एक अनुभव या हरकत के रूप में होती है जो कुछ अलग-अलग सी लगती है। यह सीज़र से पहले का एक चेतावनी संकेत है। (सभी सीज़र चेतावनी के साथ नहीं आते हैं)।
क्या आपके परिवार में एपिलेप्सी का इतिहास है?
नहीं, मेरे परिवार में एपिलेप्सी का कोई इतिहास नहीं है।
कृपया स्थिति को प्रबंधित करने के अपने अनुभव का वर्णन करें?
सीज़र बिन बुलाए मेहमान की तरह होते हैं, ये कभी भी हो सकते हैं। शुरू में जब मेरी एपिलेप्सी का पता चला था तो मेरे लिए घर से अकेले बाहर निकलना भी मुश्किल था क्योंकि उस समय मेरे परिवार में कोई नहीं जानता था कि सीज़र के दौरान एपिलेप्सी वाले व्यक्ति के लिए क्या करा जाए। लेकिन अब जब भी मुझे औरा का अनुभव होता है, मैं तुरंत पास के किसी सुरक्षित स्थान में चला जाता हूं।
आप कौन सी दवाएं ले रहे हैं?
इस समय मैं चार एपिलेप्सी रोधी दवाएँ ले रहा हूँ। मैं निश्चित रूप से अन्य एपिलेप्सी वाले लोगों को सलाह दूंगा कि वे न्यूरोलॉजिस्ट द्वारा निर्धारित दवाओं के लाभों और दुष्प्रभावों पर न्यूरोलॉजिस्ट के साथ बात करें। मेरी एपिलेप्सी पर अब दवा का ठीक से असर नहीं होता - मेरी एपिलेप्सी अब ड्रग रेसिस्टेंट दवा प्रतिरोधी है। मुझे महीने में कम से कम 3 या 4 सीज़र पड़ते हैं। लेकिन मैं फिर भी दवाएं लेता हूं क्योंकि अगर मैं अपनी दवा बंद कर दूंगा तो मेरे सीज़र फोकल सीज़र से बढ़कर जेनेरलाइज़्ड सीज़र (सामान्यीकृत) बन सकते हैं। यह मेरे साथ 2008 में हुआ था जब मैं इन दवाओं को बंद करके आयुर्वेदिक दवाएं लेने लगा था। एक सामान्यीकृत सीज़र को सीज़र का एक बदतर रूप माना जाता है। बेशक, कुछ लोगों को कई तरह के सीज़र का सामना करना पड़ता है।
क्या आपके लिए दवाओं के कोई दुष्प्रभाव थे?
उनींदापन, मूड में उतार-चढ़ाव, मतली कुछ ऐसे दुष्प्रभाव थे जिनका मैंने अनुभव किया और इस स्थिति में अधिकांश लोगों के लिए ये सामान्य दुष्प्रभाव हैं। ये दवाएं हमारी प्रतिरक्षा क्षमता (इम्युनिटी) को भी प्रभावित करती हैं। इसलिए, स्वस्थ और सक्रिय जीवन बनाए रखना जरूरी है।
आपने किन चुनौतियों का सामना किया और इस तरह की चुनौतियों का सामना करने वाले लोगों के लिए आपकी क्या सलाह है?
सेल्फ-एम्प्लोइड होने के कारण मुझे काम के मोर्चे में चुनौतियों का सामना नहीं करना पड़ा। लेकिन व्यक्तिगत मोर्चे पर मुझे 21 साल की छोटी उम्र में एपिलेप्सी को अपनी अवस्था के रूप में स्वीकार करना मुश्किल लगा। मेरी असली यात्रा तब शुरू हुई जब मैंने अपने जीवन में एपिलेप्सी को स्वीकार करना सीखा। मेरी सकारात्मकता ने मुझे आगे बढ़ने और अपनी स्थिति के बारे में बहुत कुछ सीखने में मदद की।
एपिलेप्सी वाले अन्य व्यक्तियों को मेरी सलाह है:-
- एक सीज़र डायरी बनाएं (अपने सीज़र से संबंधी तथ्य नोट करने के लिए)।
- अपने न्यूरोलॉजिस्ट के साथ खुल कर बात करें।
- अपनी निर्धारित दवा समय पर लें।
- यदि सीज़र 5 मिनट से अधिक समय तक रहे तो तुरंत अस्पताल पहुंचें।
क्या आपने अपनी स्थिति को प्रबंधित करने में कुछ ऐसा सीखा है जो आप को लगता है कि आपको पहले पता होता तो अच्छा होता?
मैंने अपनी एपिलेप्सी की स्थिति को मैनेज करना सीख कर, अपने जीवन की हर स्थिति को धैर्य से संभालना सीखा है।
क्या आप किसी एपिलेप्सी सपोर्ट ग्रुप (सहायता समूह) का हिस्सा हैं? यदि हां, तो क्या इससे कोई लाभ हुआ है?
हां, मैं दो एपिलेप्सी सपोर्ट ग्रुप का हिस्सा हूं: -
- एकत्वम - दिल्ली
- सम्मान एसोसिएशन - मुंबई
इन सहायता समूहों के माध्यम से मुझे अन्य एपिलेप्सी वाले लोगों के साथ जुड़ने का अवसर मिला है। एपिलेप्सी एक ऐसी न्यूरोलॉजिकल अवस्था है जिस पर बहुत कम चर्चा होती है, पर सपोर्ट ग्रुप में मुझे पता चल पाया है कि अन्य लोग इस से कैसे जूझ रहे हैं। मुझे यह भी पता चला है कि 40 प्रकार के सीज़र होते हैं।
आप एथलीट भी रह चुके हैं। आपने इसे अपनी स्थिति के साथ कैसे प्रबंधित किया है?
हां, मैं एंड्योरैंस साइकिलिंग और रनिंग करता हूं। एंड्योरैंस साइकलिंग में मैंने ऐसे प्रकार किए हैं जिनका कट-ऑफ समय 75 घंटे और 1000 किमी की दूरी तक है। मैं हमेशा अपनी दवा समय पर लेता हूं। इमरजेंसी के लिए मैं एसओएस दवा भी साथ रखता हूं और जब भी मुझे कोई औरा महसूस होती है तो मैं अपने साथ के सह-सवार को रुकने का संकेत देता हूं।
प्रभावित होने वाले पुरुषों का प्रतिशत कम है? क्या इससे आपके इलाज में कोई समस्या हुई है?
एपिलेप्सी किसी भी उम्र में किसी भी लिंग में हो सकती है। लेकिन एपिलेप्सी वाले पुरुषों के बारे में शायद कम चर्चा होती है।
आप किस तरह के विशेषज्ञों से सलाह लेते हैं और कितनी बार?
मैं एक न्यूरोलॉजिस्ट से परामर्श करता हूं क्योंकि एपिलेप्सी एक न्यूरोलॉजिकल अवस्था है। मैं फ़ॉलो-अप और चर्चा के लिए हर दो महीने अपने न्यूरोलॉजिस्ट से मिलता हूं।
एपिलेप्सी के सबसे कम समझे जाने वाले पहलू क्या हैं?
भारत एक घनी आबादी वाला देश है जहां 70% लोग ग्रामीण क्षेत्र में रहते हैं। देश के ग्रामीण हिस्से में निरक्षरता एक चुनौती है, जिस के कारण एपिलेप्सी के बारे में जागरूकता कम है।
दूसरे, कई बार लोग एपिलेप्सी को काले जादू से जोड़ते हैं। इसलिए जब किसी एपिलेप्सी वाले व्यक्ति को सीज़र पड़ता है, तो वे उस व्यक्ति को सूंघने के लिए प्याज का एक टुकड़ा या जूते देते हैं।
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तीसरा, जागरूकता और सही जानकारी की कमी के कारण इस मेडिकल अवस्था के बारे में बहुत सामाजिक कलंक है।
चौथा, अकसर एपिलेप्सी वाले व्यक्तियों को अपनी स्थिति के कारण नौकरी मिलने में दिक्कत होती है क्योंकि कंपनियां सोचती हैं कि वे सामान्य लोगों के जितना काम नहीं करेंगे। एपिलेप्सी वाले बच्चों को अपनी शिक्षा में भी इसी तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।
क्या आपको अपनी अवस्था के कारण जीवनशैली में कुछ बदलाव करने पड़े हैं?
शराब मेरे लिए बिलकुल वर्जित है। मुझे अपने कैफीन का सेवन भी सीमित रखना होता है। नींद की कमी भी मेरे लिए एक समस्या रही है और सीज़र के लिए एक संभावित ट्रिगर है। मेरा न्यूरोलॉजिस्ट हमेशा एक पूर्ण जांच की सलाह देता है जिसमें साल में दो बार सीबीसी, एलएफटी, केएफटी, विटामिन-बी, विटामिन-डी परीक्षण शामिल हैं क्योंकि एपिलेप्सी-रोधी दवाओं के साइड इफेक्ट की वजह से शरीर के कार्य पर असर पड़ता है। इसलिए आहार का प्रबंधन भी जरूरी है।
क्या आपने होम्योपैथी या योग जैसी पूरक दवाओं या उपचारों की कोशिश की है?
हां, मैंने होम्योपैथी और आयुर्वेद दोनों को आजमाया, लेकिन इन से मुझे मदद नहीं मिली।
क्या स्थिति का सामना करना आपके लिए भावनात्मक रूप से कठिन रहा है?
हां, एपिलेप्सी वाले व्यक्ति के लिए यह स्थिति तब तक कठिन है जब तक वह इस का सामना दृढ़ संकल्प के साथ नहीं करता।
आपके परिवार ने आपको कैसे सपोर्ट किया है?
मुझे मेरे परिवार से पूरा सपोर्ट मिला जिसमें मेरी पत्नी और मेरी बहन शामिल हैं। मैंने अपनी पत्नी के परिवार को बताया कि मुझे एपिलेप्सी का इतिहास है - मैं उस समय बिना दवाओं के एक सीज़र से मुक्त जीवन जी रहा था। मुझे 2016 में फिर से सीज़र हुआ।
क्या आप सहायता के लिए किसी काउंसलर से मिले? क्या आपके डॉक्टर ने आपको काउंसलिंग दी?
नहीं, मैंने कभी सपोर्ट के लिए काउंसलर से नहीं मिला। पर हाँ, एपिलेप्सी वाले व्यक्ति का आकलन करने के लिए न्यूरो-साइकोलोजिकल काउंसलर उपलब्ध हैं।
उपचार का सबसे कठिन हिस्सा क्या था? और आपने हिम्मत कैसे बनाई रखी?
सामाजिक कलंक और समाज में एपिलेप्सी के बारे में जागरूकता की कमी सबसे कठिन भाग हैं, और ये एपिलेप्सी वाले व्यक्ति के मनोबल को कम करते हैं। मेरी सकारात्मक मानसिकता और विचारों ने मुझे चलते रहने की हिम्मत दी।
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मेरा एक पसंदीदा मंत्र: "हर किसी को अपनी सीमा का विस्तार करने के लिए प्रतिदिन प्रयास करना चाहिए" - मास ओयामा